Class 12 History Hindi Medium Chapter 2: राजा, किसान और नगर Important Question Answers
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Class 12 History, Themes in Indian History Part I, Chapter 2: Kings, Farmers, And Towns

✦ तीन अंक वाले प्रश्न (3 Marker Questions – 10)
प्र.1. मौर्य साम्राज्य के प्रशासन के अध्ययन के लिए प्रमुख स्रोत कौन-कौन से हैं?
- मौर्यकालीन प्रशासन की जानकारी हमें अर्थशास्त्र (कौटिल्य/चाणक्य द्वारा रचित), अशोक के अभिलेख, तथा मेगस्थनीज़ की पुस्तक इंडिका से मिलती है।
- अर्थशास्त्र शासन की नीतियाँ और अर्थव्यवस्था का वर्णन करता है।
- अभिलेख अशोक के नीति-संदेश और धर्मविजय की अवधारणा बताते हैं।
प्र.2. मेगस्थनीज़ की ‘इंडिका’ से मौर्यकालीन समाज के बारे में क्या जानकारी मिलती है?
- मेगस्थनीज़ ने मौर्यकालीन भारत का प्रत्यक्ष वर्णन किया।
- उसने समाज को सात वर्गों में बाँटा: दार्शनिक, कृषक, सैनिक, चरवाहे, कारीगर, पर्यवेक्षक और न्यायाधीश।
- उसकी रचना प्रशासनिक संरचना और नगर व्यवस्था पर भी प्रकाश डालती है।
प्र.3. मौर्यकालीन अर्थव्यवस्था की दो विशेषताएँ लिखिए।
- कृषि को अर्थव्यवस्था का आधार माना जाता था।
- राज्य भूमि से कर वसूलता था (लगभग 1/4 से 1/6 उपज)।
- शिल्प, व्यापार और नहर सिंचाई का विकास हुआ।
प्र.4. अशोक ने ‘धम्म नीति’ क्यों अपनाई?
- कलिंग युद्ध की भीषणता से अशोक प्रभावित हुआ।
- उसने हिंसा छोड़कर अहिंसा, करुणा और सहिष्णुता पर बल दिया।
- ‘धम्म नीति’ के अंतर्गत सत्य, दया, माता-पिता एवं बुजुर्गों का सम्मान और सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता की शिक्षा दी गई।
प्र.5. ‘धम्म महापात्र’ कौन थे?
- अशोक ने धम्म नीति के प्रचार के लिए विशेष अधिकारियों की नियुक्ति की जिन्हें धम्म महापात्र कहा जाता था।
- वे प्रजा को नैतिक उपदेश देते और विवाद निपटाते थे।
- ये अधिकारी अशोक के धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक सुधार के प्रतीक थे।
प्र.6. कलिंग युद्ध का परिणाम लिखिए।
- कलिंग युद्ध (261 ई.पू.) में भारी रक्तपात हुआ।
- हजारों सैनिक और नागरिक मारे गए।
- इससे अशोक ने युद्ध नीति त्यागकर धम्म विजय को अपनाया।
प्र.7. अर्थशास्त्र से हमें मौर्य प्रशासन की कौन-सी जानकारी मिलती है?
- अर्थशास्त्र में राजा को सर्वोच्च शासक बताया गया।
- यह पुस्तक कराधान, नगर प्रशासन, गुप्तचरी और व्यापार व्यवस्था का वर्णन करती है।
- इससे मौर्यकालीन शासन के व्यावहारिक स्वरूप की झलक मिलती है।
प्र.8. अशोक के शिलालेख क्यों महत्वपूर्ण हैं?
- शिलालेख अशोक की नीतियों और विचारों का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं।
- ये ब्राह्मी, खरोष्ठी, ग्रीक और अरामाइक लिपियों में लिखे गए हैं।
- इनमें धम्म नीति, धार्मिक सहिष्णुता और प्रजा-हितकारी कार्यों का उल्लेख है।
प्र.9. मौर्य साम्राज्य की सैनिक व्यवस्था का वर्णन कीजिए।
- मौर्य साम्राज्य की सेना विशाल और संगठित थी।
- मेगस्थनीज़ के अनुसार इसमें 6 लाख पैदल, 30 हजार अश्वारोही, 9 हजार हाथी और 8 हजार रथ थे।
- सेना के लिए एक विशेष समिति नियुक्त थी।
प्र.10. मौर्य साम्राज्य के पतन के कारण लिखिए।
- उत्तराधिकारी शासक कमजोर और अयोग्य थे।
- साम्राज्य बहुत विशाल था, प्रशासन कठिन हो गया।
- आर्थिक दबाव, प्रांतीय शासकों की स्वायत्तता और आक्रमण (यूनानी-शक) ने साम्राज्य को कमजोर किया।
✦ आठ अंक वाले प्रश्न 8 Marker Questions
प्र.1. मौर्य प्रशासन की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- राजा सर्वोच्च शासक था।
- विशेषताएँ:
- केन्द्रीय प्रशासन: मंत्रिपरिषद, सचिव, दूत व अधिकारी।
- प्रांतीय प्रशासन: साम्राज्य को प्रदेशों/जनपदों में बाँटा गया।
- ग्राम प्रशासन: ग्रामिक अधिकारी नियुक्त।
- कर व्यवस्था: भूमि उपज पर कर।
- गुप्तचर विभाग: शासन पर निगरानी।
- सेना और समिति व्यवस्था।
- निष्कर्ष: मौर्य प्रशासन संगठित और केंद्रीकृत था।
प्र.2. अशोक की धम्म नीति का विश्लेषण कीजिए।
- कलिंग युद्ध के बाद धम्म नीति अपनाई।
- मुख्य तत्व:
- अहिंसा और करुणा।
- माता-पिता, गुरु और बुजुर्गों का सम्मान।
- सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता।
- पशुओं पर दया, बलि पर रोक।
- धम्म महापात्रों की नियुक्ति।
- महत्व: इस नीति ने अशोक को महान शासक बनाया और भारत के इतिहास में उसे अद्वितीय स्थान दिया।
प्र.3. अर्थशास्त्र के आधार पर मौर्य साम्राज्य की अर्थव्यवस्था का वर्णन कीजिए।
- कृषि और कराधान – अर्थव्यवस्था का आधार।
- शिल्प व व्यापार – धातुकर्म, बुनाई, हस्तशिल्प।
- नगर प्रशासन – उद्योगों पर नियंत्रण, कर संग्रह।
- नहर सिंचाई और कृषि विकास।
- निष्कर्ष: मौर्यकाल में संगठित आर्थिक संरचना थी।
प्र.4. मौर्य साम्राज्य के पतन के प्रमुख कारण बताइए।
- उत्तराधिकारियों की अयोग्यता।
- साम्राज्य की विशालता और प्रशासनिक कठिनाइयाँ।
- आर्थिक संकट – सेना व प्रशासन पर भारी खर्च।
- प्रांतीय शासकों की विद्रोही प्रवृत्ति।
- यूनानी व शक आक्रमण।
- निष्कर्ष: इन सबने मिलकर मौर्य साम्राज्य को दुर्बल बना दिया।
प्र.5. मेगस्थनीज़ की ‘इंडिका’ के आधार पर मौर्यकालीन समाज का वर्णन कीजिए।
- सात वर्गों का वर्णन: दार्शनिक, कृषक, सैनिक, चरवाहे, कारीगर, निरीक्षक और न्यायाधीश।
- नगर प्रशासन और सड़क व्यवस्था का विवरण।
- व्यापार, न्याय और धर्म की स्थिति।
- निष्कर्ष: इंडिका मौर्यकालीन समाज और प्रशासन की प्रत्यक्ष झलक प्रस्तुत करती है।
✦ टाइमलाइन तालिका (Mauryan Empire)
वर्ष / काल | घटना / विकास | महत्व |
---|---|---|
321 ई.पू. | चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की | प्रथम महान अखिल-भारतीय साम्राज्य। |
305 ई.पू. | चंद्रगुप्त व सेल्यूकस निकेटर के बीच संधि | यूनानी आक्रमणों से सुरक्षा, कूटनीतिक संबंध। |
298 ई.पू. | बिंदुसार गद्दी पर | साम्राज्य का विस्तार दक्षिण तक। |
273 ई.पू. | अशोक का अभिषेक | साम्राज्य अपने चरम पर। |
261 ई.पू. | कलिंग युद्ध | अशोक ने धम्म नीति अपनाई। |
3री शताब्दी ई.पू. | अशोक के शिलालेख | प्रजा-हितकारी नीतियों का प्रचार। |
232 ई.पू. | अशोक की मृत्यु | साम्राज्य का पतन प्रारंभ। |
185 ई.पू. | अंतिम शासक बृहद्रथ की हत्या (पुष्यमित्र शुंग) | मौर्य साम्राज्य का अंत। |